5 Red Heifers (लाल बछिया) और यहूदी Third Temple, जो मिडिल-ईस्ट में तबाही ला सकती है!

5 लाल गायें(Red Heifers),यहूदी Third Temple और World War

इन तीनों का आपस में क्या कनेक्शन है? कनेक्शन है. और, इतना बड़ा है कि इसकी वजह से पूरी दुनिया में क़यामत आ सकती है. इस कहानी का एक सिरा इज़रायल-फ़िलिस्तीन विवाद से जुड़ा है. जहां इस वक़्त एक बड़ी जंग चल रही है. और, कुछ लोग उससे भी भयंकर जंग की script तैयार कर रहे हैं.

दरअसल, एक कट्टर यहूदी संगठन अमेरिका के टेक्सस से 5 Red Heifers इज़रायल लेकर आया है. इनको वेस्ट बैंक में unknown जगह पर रखा गया है. Red Heifers लाल रंग की गाय होती है. उनकी पवित्रता को लेकर कुछ शर्तें तय हैं. मसलन, एक भी बाल सफेद नहीं होना चाहिए. कभी खेत में जोता ना गया हो. कभी बच्चा ना हुआ हो. कुछ यहूदियों और ईसाइयों की मान्यता है कि Red Heifers की क़ुर्बानी के बाद ही Third Temple की स्थापना होगी. अगर कभी Third Temple बना तो ये यहूदियों की सबसे पवित्र जगह होगी.

Red Heifers

Red Heifers की पेच क्या है?

दरअसल, Third Temple को उस जगह पर बनाने की बात हो रही है, जहां पर अल-अक़्सा मस्जिद है. अल-अक़्सा मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र स्थान है. Third Temple की स्थापना इसके Existence को ख़तरे में डाल सकती है. अगर कभी ऐसा हुआ तो क़यामत तय है. इज़रायल के इतिहास को देखें तो अल-अक़्सा को लेकर कई बार लड़ाई हो चुकी है. हज़ारों लोग मारे गए हैं. इज़रायल-फ़िलिस्तीन विवाद की जड़ में भी अल-अक़्सा कम्पाउंड ही है. जिसको यहूदी टेम्पल माउंट कहते हैं.

Third Temple की कहानी क्या है?

यहूदी, ईसाई और इस्लाम, तीनों को इब्राहिमिक रिलीजन कहते हैं. क्योंकि इन तीनों धर्मों के तार पैगंबर इब्राहीम से जुड़ते हैं. तीनों ही धर्मों में इन्हें पैगंबर का दर्जा मिला हुआ है.

आज से लगभग चार हज़ार बरस पहले की बात है. पैगंबर इब्राहीम को ईश्वर ने अपने बेटे इस्माइल की क़ुर्बानी देने का हुकुम दिया. उन्होंने हुकुम माना और बेटे की कुर्बानी देने पहुंचे भी. लेकिन ऐन वक़्त पर Allah ने फरिश्तों के जरिये इस्माइल की जगह एक भेड़ रख दिया. माना जाता है कि Allah उनकी इम्तिहान ले रहे थे. जिस जगह पैगंबर इब्राहीम कुर्बानी देने पहुंचे थे.

प्राचीन इज़रायल के राजा पैगंबर Solomon ने एक Temple बनाया. तक़रीबन तीन हज़ार बरस पहले. यहूदी इसको First Temple कहते हैं. ये जेरूसलम में था. इस तरह जेरूसलम यहूदियों का सबसे पवित्र शहर बन गया. हालांकि, कुछ समय बाद ही Babylon के King Nebuchadnezzar का हमला हुआ. उसने Temple तोड़ दिया. Babylon आज के समय में इराक़ में है.

Babylon के पतन के बाद Persian empire आया. उन्होंने छठी सदी में यहूदियों के लिए NewTemple बनवाया. ये कहलाया, Second Temple. Second Temple करीब 05 सौ बरसों तक वजूद में रहा. पहली शताब्दी शुरू होने से पहले जेरूसलम The Roman Empire के कंट्रोल में चला गया. सन 70 ईसवी में रोमनों ने Second Temple भी तोड़ दिया. इस Temple की एक दीवार आज भी मौजूद है. इसे कहते हैं- western wall. यहूदी आज भी यहां इबादत करते हैं.

third temple

सातवीं सदी में Islam का उदय हुआ. Islam जल्दी ही पुरे West Asia में तेज़ी से फैला. फ़िलिस्तीन में भी आया. 638 ईसवी तक ये इलाका इस्लामी ख़िलाफ़त के कंट्रोल में आ चुका था. पैगंबर मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम यहीं से घोड़े पर सवार होकर जन्नत गए थे. 688 से 693 ईसवी के बीच जेरूसलम में दो बड़ी मस्जिदें बनीं. पहली थी, Dome of the Rock और दूसरी थी, Al-Aqsa मस्जिद. इसके आसपास के इलाकों को नाम मिला, हरम अल-शरीफ़. ये इस्लाम में मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र place है.

यहीं पर यहूदियों के Second Temple की आखिरी निशानी western wall भी है. पेच यहीं फंसता है. कट्टर यहूदी मानते हैं कि Third Temple यहीं पर बनना चाहिए. आशंका है कि Third Temple बनाने में Al-Aqsa मस्जिद और Dome of the Rock को तोड़ दिया जाएगा. जिसके चलते मुसलमान नाराज़ हो सकते हैं. और देशों के बीच Religious War शुरू हो सकता है.

कितना बड़ा है Third Temple विवाद?

इज़रायल में ऐसे कई संगठन हैं, जो Third Temple के लिए चंदा और समर्थन जुटा रहे हैं. वे मंदिर के नक़्शे तक की प्लानिंग कर चुके हैं. ऐसा ही एक संगठन है. Temple Institute इसकी स्थापना 1987 में हुई थी. 2007 में वे यहूदी प्रीस्ट्स के लिए यूनिफ़ॉर्म भी सिलवा चुके हैं.

Temple Institute अकेला ऐसा संगठन नहीं है. इस तरह के कई और भी हैं. इन्हें बाकायदा इज़रायल सरकार से फ़ंडिंग भी मिलती है. और तो और, कई मौकों पर इज़रायल की पॉलिटिकल लीडरशिप भी थर्ड टेम्पल बनाने की बात कर चुकी है. जुलाई 2023 में उस समय के हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन मिनिस्टर Uri Ariel ने थर्ड टेंपल बनाने की बात कही थी.

अब Third Temple और Red Heifers का कनेक्शन

मान्यता है कि God ने Temple की स्थापना के लिए कुछ संदेश दिए थे. इसके मुताबिक़, लाल बछिया (Red Heifers) की क़ुर्बानी देने के बाद उसको जलाया जाएगा. फिर Red Heifers की राख को पानी में घोला जाएगा. उस घोल को टेम्पल में कदम रखने वालों के शरीर पर मला जाएगा. उसके बाद ही Third Temple खड़ा होगा. और, Red Heifers की क़ुर्बानी के बाद धरती पर मसीहा का आगमन होगा.

कुछ कट्टर यहूदी उस भविष्यवाणी को दोहराना चाहते हैं. मिडिल ईस्ट X की रिपोर्ट के मुताबिक़, Third Temple की स्थापना के मकसद से बने एक समूह  ने Red Heifers की क़ुर्बानी के लिए 22 अप्रैल 2024 की तारीख़ तय की थी. वो महीना आ चुका है. और, इज़रायल-हमास जंग के बीच इसकी आशंका बढ़ गई है. हालांकि, इस भविष्यवाणी पर इज़रायल सरकार ने कुछ नहीं कहा है.

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