क्या मुसलमानों के ज्यादा बच्चे हैं दूसरों की तुलना में? Muslim Population रिपोर्ट में क्या कहते हैं आंकड़े…

Muslim Population: Lok Sabha Election 2024 राजनीतिक हलकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, PM Narendra Modi ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा के दौरान कहा था कि कांग्रेस का इरादा लोगों की संपत्ति को “घुसपैठियों” और “जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटना चाहती है”. उनका इशारा Muslim समुदाय की ओर था.

2011 में, Muslim से 79 करोड़ ज्यादा हिंदू थे। 2022 में, हिंदू मुसलमानों से करीब 90 करोड़ ज्यादा हैं। आप लोग खुद देखिए हिंदू मुस्लिम की आबादी में कितना ज्यादा अंतर हो गया है। जनसंख्या किसकी बढ़ी। पॉपुलेशन कंट्रोल बिल किस के लिए आना चाहीए। विधायक, सांसद, सीएम, पीएम सभी हिंदू। फिर भी डर दिखाया जा रहा है हिंदू खतरे में है..!!

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के बयान पर सियासी घमासान शुरु हो गया है. जहां कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने पीएम पर हमला बोला है. दरअसल, जो पीएम मोदी ने जो कहा, वह कितना सच है? क्या सच में मुसलमानों के अन्य धर्मों से ज्यादा बच्चे हैं? सरकारी आंकड़ों के हवाले से जानिए.

Muslim

भारत में कितनी है मुसलमानों की संख्या?

धार्मिक समूहों पर जनगणना के आंकड़े अब 13 साल पुराने हो गए हैं. ऐसे में धार्मिक समूहों के बारे में कोई विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. मगर, पुराने आंकड़ो पर नजर डाले तो साल 2011 की जनगणना में मुसलमानों की जनसंख्या 17.22 करोड़ थी, जो उस समय भारत की जनसंख्या 121.08 करोड़ का 14.2% थी.  उससे पहले साल 2001 की जनगणना में मुसलमानों की जनसंख्या 13.81 करोड़ थी, जो उस समय भारत की जनसंख्या (102.8 करोड़) का 13.43% थी.

साल 2001 से 2011 के बीच मुसलमानों की जनसंख्या में 24.69% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यह भारत के इतिहास में मुसलमानों की जनसंख्या में सबसे धीमी वृद्धि थी. क्योंकि, साल 1991 से 2001 के बीच भारत की मुस्लिम जनसंख्या में 29.49% की बढ़ोत्तरी हुई थी.

papulation

Muslim धर्म में कितने हैं औसतन सदस्य?

धर्मों के घरों से जुड़े आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे के 68वें राउंड (जुलाई 2011 से जून 2012) में हैं. इसके मुताबिक, प्रमुख धर्मों के घरों का औसत साइज इस तरह से है.

धर्म घर में सदस्यों की संख्या
हिंदू 5.0
मुस्लिम 4.3
ईसाई 3.9
सिख 4.7
अन्य 4.1
सभी 4.3
सोर्स- भारत में प्रमुख धार्मिक समूहों के बीच रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति, एनएसएस 68वां राउंड

 

रोजगार के आंकड़ों में मुस्लिमों के क्या हैं हालात?

National Sample Survey Office (NSSO) जोकि देशभर में काम कर रहे मजदूरों की संख्या पर नजर रखता है. इसके अनुसार, देशभर की Labor और work force में मुस्लिमों की हिस्सेदारी सबसे कम है. माना जा रहा है कि Muslim इन मामलों में तेजी से पिछड़ रहे है. Muslim इन दोनों मामले में पिछड़ते जा रहे हैं. बात बेरोजगारी की करें तो मुस्लिमों की हालत बेहतर है. उनमें बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से कम है.

Periodic Labor Force Survey में जुलाई 2022 – जून 2023 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, देश की labour force में मुस्लिमों की भागीदारी दर 32.5 है. जबकि, मुस्लिमों के बीच बेरोजगारी दर 2.4 है जो national average 3.2 से कम है.

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