मुसलमानों का देश के संसाधनों पर पहला हक है-Modi
Dr. Manmohan Singh के कहे इस जुमले के बाद आज 16 साल बाद भी मुसलमानों को पहला हक तो छोड़िए चवन्नी भी नहीं मिली। मिला कुछ नहीं और Narendra Modi से लेकर उनके चिल्लरों द्वारा मुसलमान को फ़ालतू का इसी जुमले के कारण कोसा जा रहा है , गाली खा रहा है।
PM Narendra Modi ने अपने भाषण में मुसलमानों को लेकर टिप्पणी की है जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री Modi देश में नफ़रत के बीज बो रहे हैं. PM Modi के साथ साथ दलाल लोग भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर Views कमाने के लिए ब्राह्म्णवादियों के साथ हो लिए हैं । उसमें एक नाम 24×7 ब्राह्मणों को गरियाते रहे दिलीप सी मंडल का भी है। उन्होंने 4 Points पर PM Narendra Modi के बयान का समर्थन किया। हर Points पर जवाब इस तरह है।
जवाब: क्यों नहीं घुसाना चाहिए? संविधान के बनने के समय scheduled cast के आरक्षण में मुसलमान भी शामिल था , अनुसूचित जाति का आरक्षण 1936 में ब्रिटिश हुकूमत ने दिया था , उस समय इसमें धार्मिक आधार पर विभाजन नहीं था , मुसलमानों को भी अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलता था।
मगर 10 अगस्त 1950 में जवाहरलाल नेहरू ने धारा 341 के अध्यादेश के जरिए इसमें केवल हिंदुओं को रखा और मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख धर्म के लोगों को इस अनुसूचित जाति के आरक्षण से बाहर कर दिया।
फिर 1956 में सिखों को इसमें शामिल किया गया और 1990 में बौद्धों को इसमें शामिल कर लिया गया। मुसलमान और ईसाई आज भी इसके लाभ से वंचित हैं। क्या दोष है भाई मुस्लिम और ईसाई में? क्या उनमें धोबी , मेहतर , हजाम , खटिक इत्यादि इत्यादि नहीं होते ? यह धर्म के आधार पर दो धर्म के लोगों को अनुसूचित जाति के आरक्षण से वंचित किया गया।ठीक CAA की तरह
जवाब: क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? तब जबकि भारत सरकार द्वारा गठित जस्टिस राजेन्द्र सच्चर की रिपोर्ट कहती है कि “इस देश में मुसलमानों की स्थिति दलितों से बदतर है” तो दलितों की तरह मुसलमानों के लिए 15% आरक्षण और SC-ST एक्ट की तरह कानून क्यों नहीं होना चाहिए।
क्या मुसलमान आज प्रधानमंत्री Modi से लेकर दो रूपल्ली ट्रोल के आक्रमण पर नहीं है ? उसपर धार्मिक और नस्लभेदी टिप्पणी नहीं हो रही है ?दलितों को भी तो इसी आधार पर SC-ST एक्ट मिला है।
जवाब: क्यों नहीं मिलना चाहिए ? Modi सरकार ने EWS को 10% आरक्षण दिया है कि नहीं? उसी तरह इस देश के मुसलमानों को भी 15% आरक्षण मिलना चाहिए। वह भी सबकी तरह से समान टैक्स देते हैं।
जवाब: मुसलमान होने पर क्यों नहीं SC का दर्जा सुरक्षित रहना चाहिए? हिंदू SC के बौद्ध और सिख होने पर SC का दर्ज़ा सुरक्षित रहता है कि नहीं? फिर मुसलमानों होने पर क्यों सुरक्षित नहीं होना चाहिए?
भारत सरकार द्वारा गठित उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड चीफ “जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग“ ने कहा था कि मुसलमानों में भी जाति है, इसलिए उनमें भी SC माना जाए और SC लिस्ट में उनको भी आरक्षण दिया जाए. सीधी सी बात है कि “मंडल आयोग“ लागू हो सकती है तो “जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग” लागू क्यों नहीं हो सकती।
“जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग“ की सिफारिश कहती है कि “कोई SC अगर धर्म बदल कर मुसलमान या ईसाई बनता है तो भी उसका SC दर्जा बना रहे” दरअसल दिलिप मंडल, संघी यह समझते हैं कि यदि ऐसा हुआ तो हर SC हिंदू मुसलमान बन जाएगा। इसी को रोकने के लिए सभी ने SC आरक्षण से मुसलमानों को बाहर करने की रणनीति बनाई जो आजतक मौजूद है।
दरअसल धर्म आधारित CAA आज का नहीं 10 अगस्त 1950 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए सिद्धांत का ही मौजूदा रूप है , जवाहरलाल नेहरू ने SC आरक्षण से मुसलमानों को बाहर किया, Narendra Modi ने CAA द्वारा उन्हीं देशों के मुसलमानों को नागरिकता से बाहर किया.
दोनों ने धर्म आधारित प्रतिबंध लगाया और धर्म आधारित आरक्षण का विरोध भी करते हैं। सवाल यह है कि जब धर्म के आधार पर मुसलमानों को SC आरक्षण से बाहर किया जा सकता है तो धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण दिया क्यों नहीं जा सकता? इसके लिए भी संविधान बदलिए।
दरअसल देश के मुसलमानों के बारे में कांग्रेस की सरकारों ने तीन आयोग बनाया गया, तीनों आयोग के चेयरमैन हिंदू थे
- जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग
- जस्टिस राजेन्द्र सच्चर आयोग
- जस्टिस श्रीकृष्ण आयोग
तीनों रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया क्योंकि तीनों आयोग ने मुसलमानों के हक की बात की थी। तीनों रिपोर्ट लागू हो जाती तो देश में मुसलमानों की हालत सुधर गयी होती।
और ये कैपिटल बंडल चंद Likes और Share के लिए कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा रहें हैं जबकि इस देश में जितना बुरा मुसलमानों के लिए बीजेपी (Modi) ने किया शायद ही किसी और ने किया है।
दरअसल ऐसे लोग दोगले है, सच के साथ नहीं रह सकते। ऐसे लोगों के लिए ही कहावत है
मार सियार बड़े होशियार
जहां लूट पड़े वहां टूट पड़े
जहां मार पड़े वहां भाग पड़े