Rahul की ये पारी प्रधान मंत्री की पारी पर भारी क्यों?

Patna: Congress नेता Rahul Gandhi और प्रधानमंत्री Narendra Modi के बीच चल रही तीखी बहस ‘डरो मत’ से अडानी-अंबानी पर पहुंच चुकी है. मगर शुरुआत करना चाहेंगे राहुल गाँधी के साथ। Rahul की ये पारी प्रधान मंत्री की पारी पर भारी क्यों?

rahul gandhi

Rahul Gandhi मणिपुर जा रहे हैं। राहुल गाँधी हाथरस के पीड़ितों से मिलते हैं। राहुल गाँधी अपने घर में NEET के विद्यार्थियों को बुलाकर उनसे बात करते हैं। मगर उसके बावजूद राहुल के खिलाफ दुष् प्रचार गोदी मीडिया चलाता है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रूस पहुँचते है मगर वहाँ पर भी जाकर 2014 से पहले के भारत को एक तरह से गाली देने का काम वो करते हैं। तो क्या Rahul प्वाइंट टू Modi प्वाइंट के ऊपर भरी है?

बात साफ है कि 10 साल में पहली बार मोदी को सदन के भीतर और सदन के बाहर विपक्ष क्या होता है, इसका फीलगुड हो रहा है और Rahul Gandhi ने एक बड़ी लकीर खींची है।

नेता प्रतिपक्ष का काम चुनाव के बाद भी पूरी तरह से जनता के मुद्दों पर सक्रिय रहते हुए आवाज उठाना है। NEET से लेकर मणिपुर दोनो एजेंडे Rahul Gandhi के सेट किए हुए है। नेशनल पॉलिटिक्स में अब राहुल बदल गए है।जी हाँ, 4 जून पर के बाद राहुल थके नहीं हैं।

प्रधानमंत्री को टोनिक की जरुरत है और उम्मीद है कि टौनिक उनकी जो पापा की परियां हैं या मीडिया के गुल्लू और कालू उन्हें जरूर मुहैया कराएंगे।मगर अगर हम दोनों की तुलना देखें तो फर्क साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। राहुल ऊर्जा के साथ मुद्दे उठा रहे हैं और प्रधान मंत्री अब भी रक्षात्मक मुद्रा में है।

Rahul का नया अवतार है। जो भारत जोड़ो यात्रा से उन्होंने सीखा वो जमीन पर उतार रहे हैं।सोकॉल्ड शहजादा कहा जाता था, शहजादा जमीन का आदमी बन गया है और जो शहंशाह है वो आसमान में.उड़ रहे हैं।

3 न्यूज चैनल्स ने किस तरह से राहुल गाँधी की मणपुर यात्रा को कवर किया।सबसे पहले आज तक “दुख बाँट रहे हैं या ड्रामा कर रहे हैं।”उसके बाद न्यूज 18 “संवेदना या सियासी वेदना ” और न्यूज 18 की एक और खबर “राहुल का दौरा सियासी मौका.”

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Rahul Gandhi अगर मणिपुर जाए तो वो सियासत है।राहुल गाँधी अगर हाथरस के पीड़ितों से मुलाकात करे तो वो चुनावी प्रचार में लग गए हैं।ये तमाम चीजें यहाँ पर दिखाई देती है।एक तरह से भाषा देखिए की राहुल गाँधी के खिलाफ जो दुष् प्रचार साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा है और इससे तो अंध भक्त भी नजर अंदाज नहीं कर सकते.

अंध भक्त और पापा की परिया और गुल्लू और कालू कहते हैं इन सबका जो टूल किट है और सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं अखबारों की भी अगर आप बात कीजिये तो अखबारों ने राहुल की जो की बहुत इमपोर्टंट यात्रा है नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मणिपुर पहुँचना उससे पहले असम जाना फिर हाथरस जाना.

जितनी खबरें छपी या चलाई गई सब BJP के एंगल के साथ मतलब डबल कॉलम खबर है तो सिंगल कॉलम उसमे BJP का वर्जन है और ये मुझे लगता है की बौखलाहट है लेकिन इससे एक बात साफ़ हो गयी है की मणिपुर किस तरह से नेशनल मीडिया देखता है मजबूरी में और वहाँ के लोगों से मैं हंड्रेड परसेंट सहमत हूँ की अगर राहुल गाँधी न आये तो जो सो कॉल्ड नेशनल मीडिया है वो एक क्लिप भी न चलाए मजबूरी में उन्हें वहाँ जाना पड़ा और यही राहुल गांधी की जीत है की मणिपुर का पूरा का पूरा जो एक सिनारियो है वो सदन के भीतर और सदन के बाहर मीडिया में आ रहा.

एक न्यूज चैनल की जो मालिकान हैं उन्होंने कहा था कि हम विपक्ष का काम तो नहीं कर सकते हैं विपक्ष को अपना काम करना पड़ेगा विपक्ष का नेता काम कर रहा है वो मणिपुर जा रहा हैं वो मुद्दे उठा रहा है और वो वार कर रहा है और उसका असर भी हो रहा है भाजपा का पूरा प्रचार तंत्र दुष् प्रचार झूठ वो सब जारी है मगर जो अभी मैंने आपको मिसाल दी उससे पता चलता है की अगर विपक्ष एक्टिव है तो आप उसकी आवाज तक को आगे नहीं पहुँचा रहे हैं.

तमाम आवाज न पहुंचाना उन्हें शर्मिंदा करना उन पर मजाक उड़ाना इसके बावजूद राहुल लगातार चुनौती बने हुए हैं तभी वो इतना चर्चा में तभी मोदी जी उनका काउंटर करते है उन्हें बालक बुद्धि कहने की कोशिश करते हैं लेकिन उसी के बरक्स उन पर भी हमला होता है तो राहुल लगातार चुनौती बने हुए हैं

मीडिया का तो एक स्टाइल बन गया है एक रवैया बन गया है उसे कोई सीरियस नहीं लेता मेन मीडिया जो मेन स्ट्रीम मीडिया से कोई सीरियसली नहीं ले रहा है यह भी आप मानिए तो राहुल अपना काम कर रहे हैं और जमीन पर उतरकर काम कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि सदन के भीतर सदन के बाहर राहुल एक बड़ा काम कर रहे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने संसद में दावा किया था कि इस बार हम गुजरात में बीजेपी को हराने जा रहे हैं

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वर्तमान समय में Rahul Gandhi ही उन गिनेचुने नेताओं में से हैं जो मुल्क के हालात को लेकर दूर तक सोच रहे हैं और बीजेपी को चैलेंज कर रहे हैं.”

कुछ कुछ सही कर रहे हैं. और कांग्रेस अगर आज भी मैदान में है तो उसकी बहुत बड़ी वजहब्रांड राहुल’ है.”

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